Sunday, June 7, 2020

Function of bank in Hindi by Swami Sharan

FUNCTION OF BANK IN HINDI

     एक बैंक के निम्नलिखित कार्य होते हैं 📝

1. जनता के जमाओ को स्वीकार करना
2. जनता के मांगे जाने पर उनकी राशि वापस लौटाना
3.ऋण सुविधा उपलब्ध कराना
4. Overdraft सुविधा उपलब्ध कराना
5. Lockers की सुविधा उपलब्ध कराना
6. साख सृजन का कार्य करना
    Credit creation: पैसे से पैसे बनाना
7. अभिगोपन का कार्य करना
     

Wednesday, June 3, 2020

Meaning and type of bank in Hindi by Swami Sharan

Welcome 🙏🙏🙏


📝 इस लेखन में हम लोग पढ़ेंगे कि बैंक के मीनिंग यानी कि बैंक के अर्थ क्या होते हैं बैंक के प्रकार कितने होते हैं।

Meaning of Bank
चलिए आइए सबसे पहले समझ लेते हैं बैंक का अर्थ क्या होता है।

बैंक ऐसी वित्तीय संस्था है जो जनता के जमा को स्वीकार करती है और उनके मांगे जाने पर उनकी राशि वापस लौटा देती है।

Types of bank

Generally two types of bank

👉 Scheduled bank
👉 Non scheduled bank

    ✔️चलिए अब समझते हैं कि अनुसूचित बैंक यानी कि शेड्यूल्ड बैंक क्या होता है वैसा बैंक जिस पर आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 42(6) लागू होता है वह शेड्यूल्ड बैंक होता है।
जीन बैंक का वर्णन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम 1934 की सेकंड शेडूल में जिसका वर्णन होता है वह शेड्यूल्ड बैंक होता है।
धारा 42(6) में मौद्रिक नीति का प्रावधान है।

      ✔️ आप जानते हैं कि गैर अनुसूचित बैंक यानी कि नॉन शेड्यूल्ड बैंक क्या होता है।
वैसा बैंक जिसका वर्णन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम 1934 में नहीं है वह नॉन शेड्यूल्ड बैंक है।
इन पर आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 42(6) लागू नहीं होता है।



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Introduction of bank in Hindi by Swami Sharan

Introduction of bank
बैंक का परिचय


✍️ Part of money market
✍️ संविधान के सातवीं अनुसूची में इसका वर्णन
✍️ संघ सूची का विषय इस पर केंद्र सरकार कानून बनाती है

✍️ अर्थव्यवस्था के तृतीय क्षेत्र में आते हैं।

                     अर्थव्यवस्था के क्षेत्र

👉 Primary sector
        प्राथमिक क्षेत्र
👉 Secondary sector
      द्वितीय क्षेत्र
👉 Tri sector
      तृतीय क्षेत्र

उपर्युक्त बातों को समझने के लिए प्राथमिक क्षेत्र में कृषि आते हैं द्वितीय क्षेत्र में उद्योग आते हैं और तृतीय क्षेत्र में सेवा आते हैं।


Financial market in Hindi | capital market money market in Hindi by Swami Sharan

Structure of financial market in India

जैसा कि ऊपर दिए गए चित्र से समझ सकते हैं कि वित्तीय बाजार वैसा बाजार है जहां हम वित्त का लेनदेन करते हैं।

वित्तीय बाजार को इस चित्र के माध्यम से हम लोग समझेंगे। जैसा कि इस चित्र में दिया गया है की वित्तीय बाजार को हम दो भाग में बांटते हैं।

Money market मुद्रा बाजार
Capital Market पूंजी बाजार

आइए आप समझते हैं मनी मार्केट को डिटेल में......          
      मुद्रा बाजार के बारे में महत्वपूर्ण बातें यह है कि मुद्रा बाजार को आरबीआई रेगुलेट करती है।
आरबीआई की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी। और
RBI act 1934  



मुद्रा बाजार, वित्तीय बाजार के अंतर्गत एक ऐसा बाजार है जो अल्पकालीन अवधि के लिए ऋण उपलब्ध कराती है। इसीलिए इसे अल्पकालीन वित्तीय बाजार भी कहते हैं।

मुद्रा बाजार को दो भागों में बांटा गया है।

संगठित organised
असंगठित unorganised

अब संगठित मुद्रा बाजार वैसा बाजार है जिसके अंतर्गत सभी बैंक आते हैं और NBFC (non banking financial company)  आती है।

दूसरा है और संगठित यह वैसा मुद्रा बाजार है जिसके अंतर्गत साहूकार महाजन सेठ इत्यादि आते हैं।

     अभी हम लोगों ने यहां तक समझा है कि मनी मार्केट को रेगुलेट कौन करती है मनी मार्केट कितने भागों में बांटा गया है अब समझते हैं कैपिटल मार्केट के बारे में।


Capital market

पूंजी बाजार वैसा बाजार है जिसके अंतर्गत दीर्घकालीन अवधि के लिए वित्त का लेनदेन होता है  इसी वजह से इसे दीर्घकालीन वित्तीय बाजार कहते हैं।

यहां पर पूंजी बाजार के संदर्भ में महत्वपूर्ण बातें यह है कि पूंजी बाजार को SEBI रेगुलेट करती है। 
सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुआ था जबकि इसे वैज्ञानिक दर्जा 1992 में मिला।

अभी तक हम लोगों ने समझा है कि कैपिटल मार्केट को रेगुलेट से भी करती है।

कैपिटल मार्केट को दो भागों में बांटा गया है जिसमें प्राइमरी सिक्योरिटी मार्केट और दूसरा सेकेंडरी सिक्योरिटी मार्केट।

यहां पर जो प्राइमरी सिक्योरिटी मार्केट है यहां पर नई कंपनियां अपनी शेयर सीधे जनता के पास डायरेक्टली रूप से यीशु करती है यहां पर कोई दलाल नहीं होता है।

और यहां पर हम दूसरी मार्केट की बात करें तो द्वितीय प्रतिभूति बाजार यानी कि सेकेंडरी सिक्योरिटी मार्केट जिसे सिक्योरिटी एक्सचेंज के नाम से भी जानते हैं यहां पर पुरानी शेयर का खरीद बिक्री होता है यहां पर दलाल मौजूद होते हैं।

उपर्युक्त बातों से मैंने वित्तीय बाजार को समझाने का प्रयास किया है उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को यह बातें समझ में आई होगी। 

उम्मीद करता हूं कि आगे भी इसी तरह से अन्य चीजें भी समझाने का प्रयास करूंगा।
 धन्यवाद

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