Sunday, July 4, 2021

Working capital Management in Hindi by Swami Sharan ( Sharan Academy )। कार्यशील पूंजी का प्रबंधन

 Introduction of Working capital

कार्यशील पूंजी वित्तीय प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि कार्यशील पूंजी प्रबंध से एक व्यवसाय की लाभदायक का प्रभावित होती है।

  प्रत्येक दशा में दो प्रकार की संपत्तियों का उपयोग किया जाता है अस्थाई संपत्तियां एवं चालू संपत्तियां।


   स्थाई संपत्ति में भूमि, भवन, प्लांट, मशीन, फर्नीचर इत्यादि शामिल होती है। स्थाई संपत्ति आवे संपत्तियां होती है जिन्हें व्यवसाय में उपयोग करने के लिए लंबी अवधि के लिए प्रयोग में लाया जाता है इन संपत्तियों का क्रय दोबारा बेचकर लाभ कमाने के लिए नहीं किया जाता है।

   चालू संपत्ति का उपयोग daily के व्यवसाय को चलाने के लिए किया जाता है। फतेह स्थाई संपत्तियों के प्रभावी एवं कुशल उपयोग के लिए व्यवसाय में पर्याप्त कार्यशील पूंजी होना चाहिए।

 चालू संपत्तियों में  cash, bank  stock, bills receivable etc. शामिल होते हैं। इन संपत्तियों में लगाई गई पूंजी कार्यशील पूंजी कहलाती है।

Working capital व्यवसाय के तरलता को दर्शाता है।


   


        

    


      Meaning of working capital management

कार्यशील पूंजी के अर्थ


  •    कार्यशील पूंजी का अर्थ आम तौर पर वर्तमान या अल्पकालिक संपत्ति जैसे cash, receivable, marketable securities, की होल्डिंग है।
  • इन मदो को circulating capital के रूप में संदर्भित किया जाता है।
  • Corporate Executives कार्यशील प्रबंधन की पूंजी पर काफी ध्यान देते हैं।

    Working capital management

     कार्यशील पूंजी प्रबंधन उन समस्याओं से संबंधित है जो वर्तमान परिसंपत्तियों, वर्तमान देनदारियों के बीच मौजूद अंतर संबंधों के प्रबंधन के प्रयास से उत्पन्न होती है।


  Definition of working capital 

   कार्यशील पूंजी की परिभाषा के लिए दो बिंदु विचारणीय है। कार्यशील पूंजी के उद्देश्य और क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए दो प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है।




Gross working capital concept

   शक्ल अवधारणा के अनुसार कार्यशील पूंजी का अभिप्राय व्यवसाय की सभी चालू संपत्तियों की जोड से है।

Gross working capital= total current assets


Net working capital concept

कार्यशील पूंजी की शुद्ध अवधारणा के अनुसार,

   शुद्ध कार्यशील पूंजी से आज से चालू दायित्व पर चालू संपत्ति के आधिक्य से है। यदि चालू दायित्व चालू संपत्ति से अधिक है तो इसे negative working capital कहते हैं।

Net working capital= current assets - current liabilities


  • In inflation more working capital required
  • More competition more working capital required
  • More credit more working capital required
       • less credit less working capital required




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