Structure of financial market in India
जैसा कि ऊपर दिए गए चित्र से समझ सकते हैं कि वित्तीय बाजार वैसा बाजार है जहां हम वित्त का लेनदेन करते हैं।
वित्तीय बाजार को इस चित्र के माध्यम से हम लोग समझेंगे। जैसा कि इस चित्र में दिया गया है की वित्तीय बाजार को हम दो भाग में बांटते हैं।
Money market मुद्रा बाजार
Capital Market पूंजी बाजार
आइए आप समझते हैं मनी मार्केट को डिटेल में......
मुद्रा बाजार के बारे में महत्वपूर्ण बातें यह है कि मुद्रा बाजार को आरबीआई रेगुलेट करती है।
आरबीआई की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी। और
RBI act 1934
मुद्रा बाजार, वित्तीय बाजार के अंतर्गत एक ऐसा बाजार है जो अल्पकालीन अवधि के लिए ऋण उपलब्ध कराती है। इसीलिए इसे अल्पकालीन वित्तीय बाजार भी कहते हैं।
मुद्रा बाजार को दो भागों में बांटा गया है।
संगठित organised
असंगठित unorganised
अब संगठित मुद्रा बाजार वैसा बाजार है जिसके अंतर्गत सभी बैंक आते हैं और NBFC (non banking financial company) आती है।
दूसरा है और संगठित यह वैसा मुद्रा बाजार है जिसके अंतर्गत साहूकार महाजन सेठ इत्यादि आते हैं।
अभी हम लोगों ने यहां तक समझा है कि मनी मार्केट को रेगुलेट कौन करती है मनी मार्केट कितने भागों में बांटा गया है अब समझते हैं कैपिटल मार्केट के बारे में।
Capital market
पूंजी बाजार वैसा बाजार है जिसके अंतर्गत दीर्घकालीन अवधि के लिए वित्त का लेनदेन होता है इसी वजह से इसे दीर्घकालीन वित्तीय बाजार कहते हैं।
यहां पर पूंजी बाजार के संदर्भ में महत्वपूर्ण बातें यह है कि पूंजी बाजार को SEBI रेगुलेट करती है।
सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुआ था जबकि इसे वैज्ञानिक दर्जा 1992 में मिला।
अभी तक हम लोगों ने समझा है कि कैपिटल मार्केट को रेगुलेट से भी करती है।
कैपिटल मार्केट को दो भागों में बांटा गया है जिसमें प्राइमरी सिक्योरिटी मार्केट और दूसरा सेकेंडरी सिक्योरिटी मार्केट।
यहां पर जो प्राइमरी सिक्योरिटी मार्केट है यहां पर नई कंपनियां अपनी शेयर सीधे जनता के पास डायरेक्टली रूप से यीशु करती है यहां पर कोई दलाल नहीं होता है।
और यहां पर हम दूसरी मार्केट की बात करें तो द्वितीय प्रतिभूति बाजार यानी कि सेकेंडरी सिक्योरिटी मार्केट जिसे सिक्योरिटी एक्सचेंज के नाम से भी जानते हैं यहां पर पुरानी शेयर का खरीद बिक्री होता है यहां पर दलाल मौजूद होते हैं।
उपर्युक्त बातों से मैंने वित्तीय बाजार को समझाने का प्रयास किया है उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को यह बातें समझ में आई होगी।
उम्मीद करता हूं कि आगे भी इसी तरह से अन्य चीजें भी समझाने का प्रयास करूंगा।
धन्यवाद
जैसा कि ऊपर दिए गए चित्र से समझ सकते हैं कि वित्तीय बाजार वैसा बाजार है जहां हम वित्त का लेनदेन करते हैं।
वित्तीय बाजार को इस चित्र के माध्यम से हम लोग समझेंगे। जैसा कि इस चित्र में दिया गया है की वित्तीय बाजार को हम दो भाग में बांटते हैं।
Money market मुद्रा बाजार
Capital Market पूंजी बाजार
आइए आप समझते हैं मनी मार्केट को डिटेल में......
मुद्रा बाजार के बारे में महत्वपूर्ण बातें यह है कि मुद्रा बाजार को आरबीआई रेगुलेट करती है।
आरबीआई की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी। और
RBI act 1934
मुद्रा बाजार, वित्तीय बाजार के अंतर्गत एक ऐसा बाजार है जो अल्पकालीन अवधि के लिए ऋण उपलब्ध कराती है। इसीलिए इसे अल्पकालीन वित्तीय बाजार भी कहते हैं।
मुद्रा बाजार को दो भागों में बांटा गया है।
संगठित organised
असंगठित unorganised
अब संगठित मुद्रा बाजार वैसा बाजार है जिसके अंतर्गत सभी बैंक आते हैं और NBFC (non banking financial company) आती है।
दूसरा है और संगठित यह वैसा मुद्रा बाजार है जिसके अंतर्गत साहूकार महाजन सेठ इत्यादि आते हैं।
अभी हम लोगों ने यहां तक समझा है कि मनी मार्केट को रेगुलेट कौन करती है मनी मार्केट कितने भागों में बांटा गया है अब समझते हैं कैपिटल मार्केट के बारे में।
Capital market
पूंजी बाजार वैसा बाजार है जिसके अंतर्गत दीर्घकालीन अवधि के लिए वित्त का लेनदेन होता है इसी वजह से इसे दीर्घकालीन वित्तीय बाजार कहते हैं।
यहां पर पूंजी बाजार के संदर्भ में महत्वपूर्ण बातें यह है कि पूंजी बाजार को SEBI रेगुलेट करती है।
सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुआ था जबकि इसे वैज्ञानिक दर्जा 1992 में मिला।
अभी तक हम लोगों ने समझा है कि कैपिटल मार्केट को रेगुलेट से भी करती है।
कैपिटल मार्केट को दो भागों में बांटा गया है जिसमें प्राइमरी सिक्योरिटी मार्केट और दूसरा सेकेंडरी सिक्योरिटी मार्केट।
यहां पर जो प्राइमरी सिक्योरिटी मार्केट है यहां पर नई कंपनियां अपनी शेयर सीधे जनता के पास डायरेक्टली रूप से यीशु करती है यहां पर कोई दलाल नहीं होता है।
और यहां पर हम दूसरी मार्केट की बात करें तो द्वितीय प्रतिभूति बाजार यानी कि सेकेंडरी सिक्योरिटी मार्केट जिसे सिक्योरिटी एक्सचेंज के नाम से भी जानते हैं यहां पर पुरानी शेयर का खरीद बिक्री होता है यहां पर दलाल मौजूद होते हैं।
उपर्युक्त बातों से मैंने वित्तीय बाजार को समझाने का प्रयास किया है उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को यह बातें समझ में आई होगी।
उम्मीद करता हूं कि आगे भी इसी तरह से अन्य चीजें भी समझाने का प्रयास करूंगा।
धन्यवाद
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