1 historical cost method
Brumnet, Flamholtz and Pyle have developed this method
भौतिक संपत्तियों के मूल्यांकन की यह विधि मानव संसाधन के मूल्यांकन में भी प्रयोग की जा सकती है। इस विधि के अनुसार व्यक्तियों को भर्ती करने, चुनाव करने, गाड़ी पर लगाने पर शिक्षित करने व विकसित करने में जो कुछ भी खर्च किया जाता है, उन्हें ही पूंजीगत कर दिया जाता है। व्यक्तियों की सेवा काल की अवधि का अनुमान लगाकर पंजीकृत मूल्यों को उस संपूर्ण अवधि के दौरान समान किस्तों में अपलिखित किया जाता है। ना आपलिखित किए गए मूल्य को संपत्ति के रूप में दर्शाया जाता है।
अर्थात, मानवीय संसाधन पर वास्तव में जो लागत आई उसे हिस्टोरिकल कॉस्ट मेथड कहेंगे।
यह दो प्रकार की होती है
1 acquisition cost
2 learing cost
मानव संसाधन को hire, acquire करने पर जो भी खर्च आई उसे एक्विजिशन कॉस्ट कहेंगे।
Training and development का जो भी खर्चा होगा उसे learing कॉस्ट कहेंगे।
यह विधि बहुत ही सरल है पर ट्रू वैल्यू नहीं दिखाती है ह्यूमन Assets का क्योंकि यह सिर्फ वही कॉस्ट बताता है जो हमें acquire करने पर और सिखाने पर जो खर्च हुआ। कोई और जो खर्च हुए उनके बारे में यह नहीं बताता।
For example,
अगर कोई कर्मचारी जिनकी भर्ती हो रही है वह पहले से ही एक्सपीरियंस है तो उस पर कम खर्च आएगी। उसका apper low होगा जिससे उसका वैल्यू कामा की जाएगी लेकिन ऐसा नहीं है।
2. Replacement cost method:
Suggested by Rensis Likert
Developed by Eric G. Flamholtz
इस विधि के अनुसार मानव संसाधनों का पुनर स्थापन मूल्य (अर्थात विद्वान मानव संसाधनों को पुनर्स्थापित करने की लागत) ज्ञात किया जाता है। इसको 2 तरीकों से ज्ञात किया जा सकता है।
प्रथम, एक विशेष पद पर कार्य करने वाले व्यक्ति के स्थान पर प्रति स्थानापन्न व्यक्ति को जो उस पद पर वही कार्य कर सकता है, लगाने पर होने वाली लागत को मूल्य माना जा सकता है।
जैसे- एक उत्पादन अधीक्षक की पुनर्स्थापना लागत दूसरे उत्पादन अधीक्षक को नियुक्त करने में होने वाली लागत को माना जा सकता है। इसमें पुराने पदाधिकारी की भर्ती, चुनाव, गाड़ी पर लगाना और विकसित करने में होने वाले व्ययों को शामिल करते हैं।
द्वितीय, किसी विशेष व्यक्ति को पुनर्स्थापित करने में होने वाली खर्च को लागत मूल्य माना जा सकता है। इस लागत को व्यक्तिगत पुनर्स्थापना लागत की अवधारणा आर्थिक मूल्य की अवधारणा से मिलती जुलती है। लागत को निर्धारित करते समय मानव संसाधन को चालू मूल्य कीमत स्तर में परिवर्तनों को भी ध्यान में रखा जाता है।
Advantages of replacement cost method
1 this approach is more realistic
2 it is more representative and logical
Disadvantage of replacement cost method
1. there may be no similar replacement for certain existing assets
2. The replacement value is affected by subjective considerations and therefore the value is likely to differ from one another
3. It is against conventional accounting practice
3. Opportunity cost method
Heckiman and jone first advocated this approach
This is also known as "market value method"
इसे कभी-कभी प्रतिस्पर्धात्मक बोली (competitive bidding) विधि भी कहते हैं। इस विधि का प्रयोग तभी किया जाता है, जब कर्मचारियों की उपलब्धि सीमित हो। अर्थात मानव संपदा का अर्थ सीमित कर्मचारियों से लगाया गया हो एक सीमित कर्मचारी की सेवाओं को प्राप्त करने से लाभ में होने वाली वृद्धि ज्ञात किया जाता है। सामान्य प्रत्यय दर ROI से लाभ में इस वृद्धि का पंजीकरण कर लिया जाता है और इस पंजीकृत मूल्य को संस्था की आधार पूंजी में जोड़ दिया जाता है एवं इस नई पूंजी की रकम के आधार पर सामान्य दर से लाभ की गणना की जाती है। इस नई पूंजी पर आकलित लाभ या मूल पूंजी पर अर्जित लाभ पर आधिक्य को पंजीकृत कर लिया जाता है। आधिक्य लाभ के इस पंजीकृत मूल्य का अधिकतम बोली लगाई जाती है। प्रतिस्पर्धात्मक बोली लगाई जाती है। जिससे अवसर लागत ज्ञात कर ली जाती है। जिन विभागों या विनियोग केंद्र अधिकारियों द्वारा सीमित कर्मचारी की भर्ती की इच्छा को प्रकट किया जाता है, वे ही प्रतिस्पर्धात्मक बोली लगाते हैं।
Alternative course of action
Advantages of opportunity cost method
1. This method ensure optional allocation of human resources
2. It provides a a quantitative base for planning evaluating and developing human resources of an organisation
Limitations or disadvantage of opportunity cost method
1. it would be difficult to identify the alternative use of an employee in the organisation.
2. The total valuation of Human Resource on the competitive bid price may be misleading or inaccurate.
4. Standard cost method
David Watson had suggested this approach. Instead of using historical or or replacement cost, many companies use standard cost for the valuation of Human assets just as it is used for physical and financial assets.
For using standard cost, employees of an organisation are categorised into different group based on their hierarchical positions.
Standard cost में standard को फिक्स कर दिया जाता है कि हमें कौन से डिपार्टमेंट में और किस स्तर पर के व्यक्ति का क्या स्टैंडर्ड है। और उसके According हम कॉस्ट को कैलकुलेट करते हैं।
Top
Supervisor
Lower level
- यह विधि सरल है पर विभिन्न कैटेगरी के लोग रहते हैं जिसे सेम ग्रुप में रख लिया जाता है। जिस कारण उसकी सही मूल्य की गणना नहीं हो पाती है।
- बहुत से केस में हर व्यक्ति में अलग-अलग क्वालिटी होती है जिसका मापन सही से नहीं हो पाता है।
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