Commerce ; Business Environment, Managerial Economic s, Management concept, Corporate legal framework, Economics, Accounts, Strategic management, Income tax, Financial management, HRM, M.com, B.com, M.B.A., Banking etc.
Monday, August 3, 2020
Business Finance and financial Management basic concepts. Function of financial management in hindi and english by Swami Sharan
Tuesday, July 28, 2020
What is business Environment. Meaning of business Environment. Components of business Environment. Factors of business Environment. Significance of business Environment. Importance of business Environment in hindi by Swami Sharan
Business Environment
Business- Goods and services
Change in Environment- Business effect
Environment- Climate/Surround
वह climate या surround जहाांbusiness
operation conduct किए जातेहैं। Business
environment कहलाते हैं।
*Business Environment: Business Environment means the
sum total of factors Which influence the business and over
which the business has no control.
Significance of business environment
👉 It helps to understand internal environment
👉it helps to understand economic environment
👉 It helps to understand economic policies
👉 it helps to understand market condition
Elements: PESTL
POLITICAL
ECONOMICAL
SOCIAL
TECHNOLOGICAL
LEGAL
Friday, July 24, 2020
Income tax basic concepts in hindi by Swami Sharan
Friday, July 10, 2020
People development and environment MCQ ugc net paper 1 by Swami Sharan
Which of the following pollutants can cause cancer in humans?
(1) Pesticides
(2) Mercury
(3) Lead
(4) Ozone
Answer: 1
Sunday, June 7, 2020
Function of bank in Hindi by Swami Sharan
एक बैंक के निम्नलिखित कार्य होते हैं 📝
1. जनता के जमाओ को स्वीकार करना
2. जनता के मांगे जाने पर उनकी राशि वापस लौटाना
3.ऋण सुविधा उपलब्ध कराना
4. Overdraft सुविधा उपलब्ध कराना
5. Lockers की सुविधा उपलब्ध कराना
6. साख सृजन का कार्य करना
Credit creation: पैसे से पैसे बनाना
7. अभिगोपन का कार्य करना
Wednesday, June 3, 2020
Meaning and type of bank in Hindi by Swami Sharan
📝 इस लेखन में हम लोग पढ़ेंगे कि बैंक के मीनिंग यानी कि बैंक के अर्थ क्या होते हैं बैंक के प्रकार कितने होते हैं।
Meaning of Bank
चलिए आइए सबसे पहले समझ लेते हैं बैंक का अर्थ क्या होता है।
बैंक ऐसी वित्तीय संस्था है जो जनता के जमा को स्वीकार करती है और उनके मांगे जाने पर उनकी राशि वापस लौटा देती है।
Types of bank
Generally two types of bank
👉 Scheduled bank
👉 Non scheduled bank
✔️चलिए अब समझते हैं कि अनुसूचित बैंक यानी कि शेड्यूल्ड बैंक क्या होता है वैसा बैंक जिस पर आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 42(6) लागू होता है वह शेड्यूल्ड बैंक होता है।
जीन बैंक का वर्णन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम 1934 की सेकंड शेडूल में जिसका वर्णन होता है वह शेड्यूल्ड बैंक होता है।
धारा 42(6) में मौद्रिक नीति का प्रावधान है।
✔️ आप जानते हैं कि गैर अनुसूचित बैंक यानी कि नॉन शेड्यूल्ड बैंक क्या होता है।
वैसा बैंक जिसका वर्णन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम 1934 में नहीं है वह नॉन शेड्यूल्ड बैंक है।
इन पर आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 42(6) लागू नहीं होता है।
.................................
Than
Introduction of bank in Hindi by Swami Sharan
Financial market in Hindi | capital market money market in Hindi by Swami Sharan
जैसा कि ऊपर दिए गए चित्र से समझ सकते हैं कि वित्तीय बाजार वैसा बाजार है जहां हम वित्त का लेनदेन करते हैं।
वित्तीय बाजार को इस चित्र के माध्यम से हम लोग समझेंगे। जैसा कि इस चित्र में दिया गया है की वित्तीय बाजार को हम दो भाग में बांटते हैं।
Money market मुद्रा बाजार
Capital Market पूंजी बाजार
आइए आप समझते हैं मनी मार्केट को डिटेल में......
मुद्रा बाजार के बारे में महत्वपूर्ण बातें यह है कि मुद्रा बाजार को आरबीआई रेगुलेट करती है।
आरबीआई की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी। और
RBI act 1934
मुद्रा बाजार, वित्तीय बाजार के अंतर्गत एक ऐसा बाजार है जो अल्पकालीन अवधि के लिए ऋण उपलब्ध कराती है। इसीलिए इसे अल्पकालीन वित्तीय बाजार भी कहते हैं।
मुद्रा बाजार को दो भागों में बांटा गया है।
संगठित organised
असंगठित unorganised
अब संगठित मुद्रा बाजार वैसा बाजार है जिसके अंतर्गत सभी बैंक आते हैं और NBFC (non banking financial company) आती है।
दूसरा है और संगठित यह वैसा मुद्रा बाजार है जिसके अंतर्गत साहूकार महाजन सेठ इत्यादि आते हैं।
अभी हम लोगों ने यहां तक समझा है कि मनी मार्केट को रेगुलेट कौन करती है मनी मार्केट कितने भागों में बांटा गया है अब समझते हैं कैपिटल मार्केट के बारे में।
Capital market
पूंजी बाजार वैसा बाजार है जिसके अंतर्गत दीर्घकालीन अवधि के लिए वित्त का लेनदेन होता है इसी वजह से इसे दीर्घकालीन वित्तीय बाजार कहते हैं।
यहां पर पूंजी बाजार के संदर्भ में महत्वपूर्ण बातें यह है कि पूंजी बाजार को SEBI रेगुलेट करती है।
सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुआ था जबकि इसे वैज्ञानिक दर्जा 1992 में मिला।
अभी तक हम लोगों ने समझा है कि कैपिटल मार्केट को रेगुलेट से भी करती है।
कैपिटल मार्केट को दो भागों में बांटा गया है जिसमें प्राइमरी सिक्योरिटी मार्केट और दूसरा सेकेंडरी सिक्योरिटी मार्केट।
यहां पर जो प्राइमरी सिक्योरिटी मार्केट है यहां पर नई कंपनियां अपनी शेयर सीधे जनता के पास डायरेक्टली रूप से यीशु करती है यहां पर कोई दलाल नहीं होता है।
और यहां पर हम दूसरी मार्केट की बात करें तो द्वितीय प्रतिभूति बाजार यानी कि सेकेंडरी सिक्योरिटी मार्केट जिसे सिक्योरिटी एक्सचेंज के नाम से भी जानते हैं यहां पर पुरानी शेयर का खरीद बिक्री होता है यहां पर दलाल मौजूद होते हैं।
उपर्युक्त बातों से मैंने वित्तीय बाजार को समझाने का प्रयास किया है उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को यह बातें समझ में आई होगी।
उम्मीद करता हूं कि आगे भी इसी तरह से अन्य चीजें भी समझाने का प्रयास करूंगा।
धन्यवाद
Saturday, March 14, 2020
Sunday, March 1, 2020
Strategic decision making. Approaches to strategic decision making. Dimensions of strategic Decision making by Swami Sharan
Strategic decision making
Saturday, February 29, 2020
List of Indian Accounting standard (AS) by Swami Sharan
The institute of chartered accountants of India (ICAI) has issued 29 accounting standards as of now. With the withdrawal of AS 8 (On R&D) consequent upon the issuance of AS 26(on intangible assets), the effective number of AS remind to be 28.
Thursday, February 27, 2020
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औद्योगिक प्लांट लेआउट: अर्थ, परिभाषा, आवश्यकता और महत्व! अर्थ: प्लांट लेआउट सबसे प्रभावी भौतिक व्यवस्था है, या तो मौजूदा या औद्योग...
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1 historical cost method Brumnet, Flamholtz and Pyle have developed this method भौतिक संपत्तियों के मूल्यांकन की यह विधि...
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उत्पादन प्रबंधन क्या है? एवं इसके अर्थ । उत्पादन प्रबंधन का मतलब उत्पादन गतिविधियों का नियोजन, आयोजन, निर्देशन और नियंत्रण है। उत्पाद...