Sunday, December 18, 2022

FEMA foreign exchange management Act 1999 in hindi full explain by Swami Sharan ( Characteristics of FEMA/Features of FEMA/Difference between FERA and FEMA/Objective of FEMA)

Foreign exchange management act 1999(FEMA), foreign regulation act 1973 (FERA) के स्थान पर आया।

1973 ईस्वी में मनी लांड्रिंग को नियंत्रण करने के लिए फेरा 1973 को सरकार के द्वारा लाया गया और यह कानून बहुत कठोर था इसमें जो भी MONEY-LAUNDERING में पकड़ा जाता था उसे एक गैर जमानत 7 साल की जेल हो जाती थी। इसका संशोधन 1993 ईस्वी में किया गया जिसमें कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए जिसमें हमारे विदेशी मुद्रा कोष में पर्याप्त वृद्धि विदेशी व्यापार में विकास, , परशुल्को का विवेकी कारण, चालू खाता परिवर्तनीयता, भारतीय निवेश का उदार विदेशी करण भारतीय निगमों द्वारा ECB की अधिक मांग और प्रतिभूति बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की सहभागिता बढ़ी।

उपर्युक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उसमें लचीलापन लाना आवश्यक हो गया था इसीलिए फेरा 1973 को विलोपित करने संबंधी एक विधेयक लोकसभा में 4 अगस्त 1998 को रखा गया। जिसको स्थाई समिति (standing committee of finance) को संदर्भित कर दिया। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट कुछ सुधारों एवं सुझाव के साथ 23 दिसंबर 1998 को लोकसभा में प्रस्तुत की। इस समिति के सिफारिशों पर कोई भी निर्णय केंद्रीय सरकार द्वारा लिए जाने से पूर्व ही लोकसभा भंग हो गई, परिणामतः विधेयक कालातीत हो गया।
      October 1999 में पुनः पार्लियामेंट में रखा गया उस समय वित्त मंत्री यशवंत सिंह थे फिर 2 दिसंबर 1999 में राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर दिए और 1 जून 2000 से जम्मू कश्मीर सहित पूरे भारतवर्ष में लागू हो गया।
इसमें 7 अध्याय और 49 धाराएं हैं।


फेमा क्या है?

FEMA 1999 की प्रस्तावना में कहा गया है कि यह एक "विदेशी विनिमय संबंधी विधान में संशोधन एवं समेकेतीकरण का अधिनियम है। जिसका उद्देश्य विदेशी व्यापार एवं भुगतान को सुविधाजनक बनाना और भारत में विदेशी बिन में संबंधी बाजार का परिवर्तन क्रमागत विकास एवं अनुरक्षण है।

     फेमा बहुराष्ट्रीय कंपनियों से संबंधित है इसका लक्ष्य भारत में व्यवस्थित विकास एवं विदेशी मुद्रा बाजार का रखरखाव करना है।


Different between FERA and FEMA in Hindi
 




Objective of FEMA



Characteristics of FEMA

  

all type of break even point question(Managerial Economics) by Swami Sharan

advance Management Accounting practical question

Break even point all formulas
Break even point practical question
PV ratio
Margin of safety

Saturday, December 17, 2022

journal entry of higher purchase system in the books of purchaser and vendor by Swami Sharan

Journal entries of higher purchase system in the books of buyer and seller by Swami Sharan
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Wednesday, October 19, 2022

meaning of Management concept in Hindi. definition of Management concept in Hindi. characteristics of management in Hindi. objective of Management concept in Hindi. function of management in Hindi. importance of management in Hindi. Levels of Management in Hindi

Meaning of Management concept

    "प्रबंध दूसरे व्यक्तियों से कार्य करने की युक्ति है इस प्रकार वह व्यक्ति जो अन्य व्यक्तियों से कार्य करने की क्षमता रखता है प्रबंधक कहलाता है| "  परंतु आज के युग में प्रबंध केवल अन्य लोगों से काम लेने तक ही सीमित नहीं है अपितु उपक्रम में कार्यरत व्यक्तियों के साथ मिलकर कार्य कराने की कला है। विस्तृत अर्थ में, "प्रबंध शब्द का अर्थ ना केवल व्यापार में अपितु सभी प्रकार की क्रियाओं में, जहां मानवीय श्रम का प्रयोग होता है, किया जाता है।"

    प्रबंध का एक तीसरा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है हेरोल्ड कुंटज और ओ डोनेल ने "प्रबंध औपचारिक रूप से समूह में संगठित मनुष्यों से तथा उसके साथ मिलजुल कर काम करने व कराने की कला है।"
     प्रबंध वह प्रक्रिया है जिसमें काम को कुशल एवं प्रभावी ढंग से करने के लिए कार्यों के एक समूह (नियोजन, संगठन, नियुक्तिकरण, निर्देशन व नियंत्रण) को संपन्न किया जाता है।"

 प्रबंध शब्द का प्रयोग निम्नलिखित अर्थों में किया जाता है।

1. व्यक्तियों के समूह के रूप में
प्रबंध से तात्पर्य सदैव समूह प्रयत्नों से होता है अर्थात प्रबंध किसी व्यक्ति विशेष पर लागू नहीं होता है। प्रबंध उन व्यक्तियों का समूह है जो व्यवसायिक उद्देश्यों के प्राप्ति के लिए साधनों में समन्वय करते हैं, जो व्यवसायिक इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारियों के कार्य पर नियंत्रण रखते हैं तथा व्यवसायिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उत्तरदाई होते हैं।

2. प्रबंध एक प्रक्रिया के रूप में
प्रबंध का अर्थ उन क्रियाओं से है जो कि उद्देश्यों की पूर्ति में सहायक है मुख्यत: प्रबंध को नियोजन संगठन निर्देशन समन्वय नियुक्तियों नियंत्रण आदि की क्रियाओं को करना पड़ता है इन सभी क्रियाओं को सुचारू रूप से करना ही प्रबंध कहलाता है।

3. आर्थिक साधन के रूप में
अर्थशास्त्रियों के अनुसार प्रबंध भूमि पूंजी तथा श्रम की भांति उत्पादन का एक घटक है इस अर्थ में प्रबंध उत्पादन का वह महत्वपूर्ण घटक है जो अन्य घटकों की कार्यकुशलता तथा लाभदायकता में वृद्धि करता है।

4. एक विषय के रूप में
प्रबंध एक विषय के रूप में वह क्रमबद्ध ज्ञान का समूह है जिसका शिक्षण प्रशिक्षण किया जा सकता है इसके कुछ निश्चित विचार नियम व सिद्धांत हैं जो विश्व में समान रूप से लागू किए जा सकते हैं विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रबंध एक लोकप्रिय विषय है अन्य सामाजिक एवं भौतिक विज्ञान की भांति अध्ययन की इस विषय की सीमाएं निश्चित नहीं है।



Definition of management

जॉर्ज आर टेरी के अनुसार,
"प्रबंध एक विशेष प्रक्रिया है जिसमें नियोजन संगठन क्रियान्वयन एवं नियंत्रण को सम्मिलित किया जाता है तथा इसका निष्पादन व्यक्तियों की साधनों के उपयोग द्वारा उद्देश्यों को निर्धारित एवं प्राप्त करने के लिए किया जाता है।"

F.w. टेलर के अनुसार,
प्रबंध यह जानने की कला है कि आप क्या करवाना चाहते हैं और इसके बाद यह देखना कि वह इसे सर्वोत्तम एवं मित्व्यतापूर्ण विधि से करें।

हेनरी फयोल के अनुसार,
प्रबंध का अर्थ पूर्वानुमान लगाना योजना बनाना संगठन करना निर्देश देना समन्वय करना और नियंत्रण करना है।

निष्कर्ष :
उपर्युक्त परिभाषा ओं के अध्ययन से यह निष्कर्ष निकलता है कि
"प्रबंध एक सतत प्रक्रिया है जो मानवीय प्रयासों के नियोजन संगठन समन्वय निर्देशन नियंत्रण एवं प्रेरणा द्वारा सामग्री मशीन एवं धन को जीवन प्रदान करता है तथा उसके सर्वोत्तम उपयोग को संभव बनाता है ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सके।"



Characteristics and features of Management


1. प्रबंध उद्देश्य प्रधान प्रक्रिया है
प्रबंध एक उद्देश्य प्रधान प्रक्रिया है यदि हमारे सामने कोई उद्देश्य नहीं है तो प्रबंध की जरूरत नहीं है अन्य शब्दों में प्रबंध की आवश्यकता तब होती है जब कि प्राप्त करने के लिए कोई उद्देश्य हमारे पास हो प्रबंधक अपने विशेष ज्ञान एवं अनुभव के आधार पर पूर्व निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है अतः यह कहना बिल्कुल गलत नहीं है कि प्रबंध उद्देश्य प्रधान प्रक्रिया है।

2. प्रबंध एक सामूहिक क्रिया है।
इसका अभिप्राय है कि संगठन की सभी क्रियाओं को करने वाला कोई एक व्यक्ति नहीं होता है बल्कि यह तो अनेक व्यक्तियों का समूह होता है अतः प्रबंध एक सामूहिक क्रिया है।

3. मानवीय प्रयासों से संबंधित।
प्रबंध मानवीय क्रियाओं से संबंधित होता है प्रबंध मानवीय क्रियाओं के नियोजन संगठन निर्देशन समन्वय एवं नियंत्रण के द्वारा ही उपक्रम के निष्क्रिय साधनों को गतिशील बनाता है।

4. प्रबंध एक सतत प्रक्रिया है।
व्यवसाय में निरंतर समस्याओं का समाधान व सुधार करने की आवश्यकता रहती है इसी कारण प्रबंध को शतक्रिया कहा जाता है व्यवसायिक इकाइयों के आकार तथा परिस्थितियों की गतिशीलता के कारण यह क्रिया निरंतर जटिल होती जा रही है।

5. सार्वभौमिक प्रक्रिया
प्रबंध की क्रिया सभी संस्थाओं में चाहे वह व्यवसायिक संस्था हो या सामाजिक राजनैतिक हो या धार्मिक समान रूप से संपन्न की जाती है कोई भी संस्था जिसका लक्ष्य सामूहिक प्रयासों में प्राप्ति हो उसे अनिवार्य रूप से अपनी क्रियाओं का नियोजन संगठन निर्देशन एवं नियंत्रण करना पड़ता है।

6. प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है
प्रबंध मुख्य रूप से संबंध व्यवसाय के मानवीय पक्ष से होता है संस्था के सभी कर्मचारी समाज के ही अंग होते हैं अतः इसका नेतृत्व निर्देशन सामाजिक क्रिया का ही अंग हुए वर्तमान में व्यवसाय ने भी अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को स्वीकार कर लिया है।

7. प्रबंध का पृथक अस्तित्व होता है।
प्रबंध का एक पृथक स्थान बन गया है यह व्यवसाय के स्वामियों एवं कर्मचारियों से भिन्न व्यक्तियों का एक ऐसा वर्ग है जिसके हाथ में प्रबंध की बागडोर होती है वास्तव में प्रबंध निर्णय लेने नेतृत्व प्रदान करने व कार्यों पर नियंत्रण करने वाले व्यक्तियों का एक विशिष्ट वर्ग है।

8. प्रबंध एक समन्वयकारी शक्ति है।
प्रबंध एक समन्वय कार्य शक्ति है यह शक्तियों के कार्यों में सामंजस्य स्थापित करने विभिन्न वर्गों के हितों को समन्वित करने एवं संस्था के उद्देश्य व उपलब्ध संसाधनों के मध्य एकीकरण करने की प्रक्रिया है।

9. प्रबंध एक सृजनशील कार्य है।
प्रबंध समाज में विनियोग आए रोजगार एवं नए व्यवसायियों में वृद्धि करके धन संपदा का निर्माण करता है इसके द्वारा ही देश में कार्य कौशल सृजनात्मक विचारों साहसिक प्रवृत्तियों व व्यवसायिक अभिरुचियों को प्रोत्साहन मिलता है।

10. प्रबंध उद्देश्य निर्धारित करता है।
प्रबंध उद्देश्यों को प्राप्त करने का एक साधन है साध्य नहीं है इसका उद्देश्य सामग्री सरम मशीन भूमि समाज एवं सरकार को अपने हित में से अधिक उपयोग करके पर्याप्त उत्पादन करना और उत्पादित माल की बिक्री द्वारा ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करना होता है।

निष्कर्ष :
प्रबंध में सामूहिक प्रयत्न संयुक्त उद्देश्य एकीकरण सामाजिक प्रक्रिया आदि मुख्य विशेषताएं निहित है उपरोक्त तथ्यों से भी स्पष्ट हो जाता है कि प्रबंध और स्वामित्व अलग-अलग हाथों में निहित हैं लेकिन सदा यह आवश्यक नहीं है क्योंकि छोटे उपक्रमों में प्रबंध और स्वामित्व एक ही व्यक्ति के हाथ में हो सकता है।



Objective of Management concept
प्रबंध के उद्देश्य

    प्रत्येक मानवीय क्रिया का कोई ना कोई उद्देश्य होता है इसका कारण यह है कि जब तक प्राप्त किए जाने वाले उद्देश्य पहले से निश्चित नहीं हो तब तक उसकी प्राप्ति के लिए अपेक्षित प्रयास नहीं किए जा सकेंगे।

      "प्रबंध के उद्देश्य एक ऐसा अवश्य लक्ष्य है जो निश्चित क्षेत्र निर्धारित करता है तथा एक प्रबंध के प्रयासों के निर्देशन हेतु सुझाव देता है।"

जॉर्ज आर्टरी द्वारा प्रबंध के उद्देश्य की दी गई इस परिभाषा में चार धारणाएं सम्मिलित है।

1.लक्ष्य Goal
2.क्षेत्र Scope
3.निश्चितता Definiteness
 4.निर्देशन Direction

  प्रबंध के उद्देश्य को 4 वर्गों में बांटा जा सकता है
प्राथमिक उद्देश्य primary objectives
सहायक उद्देश्य secondary objectives
व्यक्तिगत उद्देश्य personal objectives
सामाजिक उद्देश्य social objectives

प्राथमिक उद्देश्य
बाजार में विक्रय योग्य वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करना प्रबंध का प्राथमिक उद्देश्य है ऐसी वस्तुएं एवं सेवाएं प्रदान करने पर उपभोक्ता को वे वस्तुएं और सेवाएं प्राप्त होती है जो वे चाहते हैं और उपक्रम के सहयोगी सदस्य को प्राप्त प्रतिफल से उनका पारिश्रमिक मिलना संभव हो पाता है इस प्रकार प्रार्थनीय उद्देश्य प्रत्येक प्रबंध सदस्य द्वारा किए जाने वाले कार्य का निर्धारण करता है।
      प्राथमिक उद्देश्य के अंतर्गत निम्नलिखित को विशेष महत्व दिया जाता है
(i)ग्राहकों को तुरंत विश्वसनीय एवं प्रतिस्पर्धात्मक वस्तुएं एवं सेवाएं प्रदान करना
(ii) ऊंची किस्म के उत्पादों एवं सेवाओं को ऐसे मूल्य पर बेचना जो राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में हो।
(iii) ग्राहकों में यह विश्वास जमाना की विक्रय की जाने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन नवीन एवं आधुनिकतम विधि से किया गया है।

Tuesday, October 18, 2022

WTO: World Trade Organisation . Function of WTO in hindi by Swami Sharan / WTO by Swami Sharan

द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात, विश्व की प्रमुख शक्तियों ने विचार करके व्यापारिक अवरोधों को कम करने एवं सीमित करने और व्यापारिक विवादों के निपटारे के लिए नियम बनाएं। नियमों का यह समुच्चय अथवा बहुआयामी व्यापार समझौता general agreement on trade and tariff (GATT) कहलाया, जिसकी रचना 1947 में 23 सदस्य देशों ने की। तथापि, 1990 के मध्य में अनेक देशों ने एक सुदृढ़ बहुआयामी संगठन पर बल दिया जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का नेतृत्व करें और अंतरराष्ट्रीय व्यापार विवादों का निपटारा करें।

GATT,  1JAN 1948 को लागू हुआ। यह टेरिफ रेट नियंत्रित करने के लिए बनाया गया।
गेट में सिर्फ गुड्स का व्यापार होता था और उसके साथ-साथ सेवा के क्षेत्र में व्यापार की जरूरत पड़ने लगी। बौद्धिक संपदा पर विचार की आवश्यकता पड़ी बौद्धिक संपदा से आज से ज्ञान को बेचने से है।

    GATT के स्थान पर नया संगठन डब्ल्यूटीओ: , विश्व व्यापार संगठन का औपचारिक उदय 1 जनवरी 1995 को हुआ, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार के निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण की प्रमुख संस्था है। इसकी रचना के समय 85/104 संस्थापक सदस्य थे। वर्तमान में 164 देश इसके सदस्य हैं जिसमें विकसित एवं विकासशील दोनों प्रकार के देश हैं परंतु बहुमत 117 विकासशील देशों का है। भारत एवं पाकिस्तान भी सदस्य देश हैं। 1991 में नेपाल और चीन भी इसका सदस्य बना।

"WTO is a new globally recognised trade organisation which the new name succeeding GATT. "

"विश्व व्यापार संगठन एक नया विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त संगठन है जो कि GATT का नया नाम हैं।"


Function of WTO
विश्व व्यापार संगठन के कार्य:

विश्व व्यापार संगठन भारत सहित कम से कम 50 ही देश के सहयोग से एक जनवरी 1995 से प्रभावी हो गया है अब विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्व बैंक सहित डब्ल्यूटीओ तृतीय आर्थिक स्तंभ के रूप में है।

विश्व व्यापार संगठन के कार्य निम्नलिखित हैं।
1. विश्व व्यापार संगठन का प्रमुख कार्य है नई विश्व व्यापार को लागू करना।
2. विश्व व्यापार को समयावधि को आधार बनाते हुए इस प्रकार इसे बढ़ावा देना ताकि प्रत्येक देश उससे लाभान्वित हो सकें ।

Sunday, October 16, 2022

specialised accounting all problem and solution b.com part 2 TMBU Bhagalpur

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goods and services tax notes for one day examination by Swami Sharan

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