Saturday, February 16, 2019

Characteristics of Memorandum of Association in Hindi by Swami Sharan

पार्षद सीमा नियम की विशेषताएं


पार्षद सीमानियम कम्पनी का आधारभूत एवं सबसे महत्वपूर्ण प्रलेख होता है इसे कम्पनी का अधिकार पत्र (चार्टर) भी कहा जाता है।
पार्षद सीमानियम कम्पनी का एक अनिवार्य प्रलेख है, जिसे प्रत्यके प्रकार की कम्पनी को अनिवार्य रूप से तैयार कर रजिस्ट्रार के पास फाइल करना पड़ता है।
पार्षद सीमानियम कम्पनी का नाम, प्रधान कार्यालय, उदृदेश्य, सदस्यों के दायित्व तथा अंशपंजू ी का उल्लेख होता है।.
पार्षद सीमानियम कंपनी के अधिकारो की सीमाओं को निर्धारित करता है। पार्षद सीमानियम के अधिकार क्षेत्र के बाहर किये गये कार्य व्यर्थ होते है।
पार्षद सीमानियम कंपनी का एक अपरिपवर्तनशील प्रलेख है जिसे केवल सीमित अवस्थाओं में ही परिवर्तित किया जा सकता है।
यह एक सार्वजनिक प्रलेख है, अत: बाहरी व्यक्ति से यह आशा की जाती है कि उसने कम्पनी से व्यवहार करने से पूर्व पार्षद सीमानियम का अध्ययन कर लिया होगा। यदि इसका उल्लंघन होता है जो उक्त अनुबंध को प्रवर्तनीय नहीं कराया जा सकता।
पार्षद सीमानियम बाहरी व्यक्तियों तथा कम्पनी के मध्य संबंधो एवं कार्यो का नियमन व नियंत्रण करता है।

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