Saturday, February 16, 2019

Clauses or content of Memorandum of Association in Hindi by Swami Sharan

पार्षद सीमा नियम की विषय सामग्री
एक अंशो द्वारा सीमित कम्पनी की दशा में उसके पार्षद सीमानियम में छ: वाक्य होता है -



1. नाम वाक्य- u/s 4(1)(a)
यह पार्षद सीमानियम की प्रथम वाक्य है जिसमें कंपनी के नाम का उल्लेख किया जाता है। कम्पनी को अपना नाम चुनने की स्वतंत्रता होती है, किन्तु यह नाम कियी पूर्व में पंजीकृत कंपनी से मिलता जुलता या केन्द्र सरकार की दृष्टि से अवांछित नही होना चाहिए। जहां तक नाम का प्रश्न है यह व्यवसाय की प्रकृति से मिलता जुलता होना चाहिए। सार्वजनिक कंपनी को उसके नाम के साथ लिमिटेड शब्द व निजी कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड शब्द लिखना चाहिए।

2. स्थान वाक्य- u/s 4(1)(b)
यह दसू रा महत्वपूर्ण वाक्य हैं. इसमें उस राज्य का नाम लिखा जाता है, जिसमें कंपनी का रजिस्टर्ड कार्यालय स्थित है. यदि समामेलन के समय पंजीकृत स्थान कम नाम देना सम्भव नहीं होता हैं तो समामेलन के तीस दिन के अंदर रजिस्ट्रार को इसकी सूचना दे दी जानी चाहिए है।

3. उद्देश्य वाक्य- u/s 4(1)(c)
यह पार्षद सीमानियम का सबसे महत्वपूर्ण वाक्य है। इसमें कम्पनी के उद्देश्यों का विवरण होता है. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि कंपनी का उद्देश्य कानूनन अथवा लोकनीति अथवा कंपनी अधिनियम के व्यवस्थाओं के विरूद्ध नहीं है। यह कम्पनी के कार्य़क्षेत्र की सीमा भी निर्धारित करता है जिसके बाहर कम्पनी कोर्इ भी कार्य नहीं कर सकती। उद्देश्य वाक्य को दो भागों में बांटा जा सकता है -
मुख्य उद्देश्य- इसके अंतर्गत उन सभी मुख्य एवं प्रासंगिक या सहाय उद्देश्यों को शामिल किया जाता है जिसके लिए कंपनी का समामेलन किया जाता है।
अन्य उद्देश्य- इसमें उन उद्देश्यों को शामिल किया जाता है जो मुख्य उद्देश्य में तो शामिल नही, परन्तु कम्पनी उनकी प्राप्ति के लिये भविष्य में अपनी आवश्यकतानुसार कार्य प्रारम्भ कर सकती है।

4. दायित्व वाक्य- u/s 4(1)(d)
यह कम्पनी के सदस्यों के दायित्वों की व्याख्या करता है। प्रत्येक सीमित दायित्व वाली कंपनी को अपने पार्षद सीमानियम में यह आवश्यक लिखना चाहिये कि उस के सदस्यों का दायित्व सीमित है।

5. पूंजी वाक्य- u/s 4(1)(e)
पार्षद सीमानियम के इस वाक्य में इस बार का उल्लेख होता कि कंपनी की अधिकृत अंश पूंजी कितनी है और वह किस प्रकार के अंशो में विभाजित होगी।

6. संघ तथा हस्ताक्षर वाक्य-
यह पार्षद सीमानियम का अंतिम वाक्य है। इसमें हस्ताक्षर करने वाले व्यक्ति एक कम्पनी बनाने की घोषणा करते है। इसमें निम्म बातें लिखी जाती है- ‘‘हम निम्न लिखित व्यक्ति जिनके नाम पते नीचे दिये गये है, इस पार्षद सीमानियम के आधार पर कंपनी का निर्माण करने के इच्छुक है और अपने नाम के आगे लिखे हुए अंशों का लेना स्वीकार करते है।’’ इस वाक्य के अंत में हस्ताक्षरकर्ता के नाम, पते व्यवसाय उनके द्वारा लिये जाने वाले विभिन्न प्रकार के अंशो की संख्या तथा उनके हस्ताक्षर का उल्लेख होता है। ये हस्ताक्षर साझी के द्वारा प्रमाणित होते है। पार्षद सीमानियम के इस वाक्य में सार्वजनिक कंपनी की दशा में 7 व निजी कंपनी की दशा में 2 व्यक्तियों द्वारा सीमानियम पर हस्ताक्षर किये जाते है। अथवा लाके नीति अथवा कपंनी अधिनियम के व्यवस्थाओं के विरूद्ध नहीं है। यह कपंनी की दशा में 2 व्यक्तियों द्वारा सीमानियम पर हस्ताक्षर किये जाते है।

No comments:

Post a Comment

Notes of Banking and Financial Institutions for NTA UGC NET/Assistant professor By Swami Sharan

Banking and financial Institutions Notes Given below 👇👇 ...