Saturday, February 16, 2019

Features of Business Environment in Hindi by Swami Sharan

व्यावसायिक पर्यावरण की विशेषताएँ (Features of Business Environment):
व्यावसायिक पर्यावरण बहुत ही जटिल, गतिशील एवं व्यापक प्रभाव रखने वाला बहु-आयामी परिदृश्य होता है जो भिन्न-भिन्न व्यावसायिक संस्थाओं को भिन्न-भिन्न ढंग से प्रभावित करता है ।

इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:




(1) पर्यावरण के तत्वों की जटिलता (Complexity of Environmental Factors):

व्यावसायिक पर्यावरण में शामिल भिन्न-भन्न तत्व जैसे आर्थिक एवं राजनीतिक तत्व परस्पर इस प्रकार जुड़े होते हैं कि एक में परिवर्तन स्वयं दूसरे में परिवर्तन कर देता है और दूसरे में परिवर्तन लौटकर पुनः पहले में या किसी तीसरे में परिवर्तन कर देता है ।

जैसे – सरकार में समाजवादी विचार के राजनेताओं का शासन उन्हें समाजवादी आर्थिक नीतियाँ बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा और समाजवादी नीतियों का अर्थ है, व्यवसाय संचालन में सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र की व्यावसायिक संस्थाओं की प्रभुता । इससे सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित होगी – अधिकांशतः अधिकारी तन्त्र और पुनः इससे सरकारी कम्पनियों की प्रबन्ध व्यवस्था अत्यधिक नियमों और कानूनों में बँध जायेगी ।

(2) पर्यावरण की गतिशीलता तथा अनिश्चितता (Dynamism and Uncertainty of the Environment):

व्यवसाय का पर्यावरण निरन्तर बदलता भी रहता है । जैसे – ‘कार बाजार’ को लीजिये । सन् 1991 के उदारीकरण के परिणामस्वरूप अनेक नयी भारतीय तथा विदेशी कम्पनियों ने नये-नये मॉडल की कारों की लाइन लगा दी । परिणामस्वरूप, लाइसेन्स राज में संरक्षित बाजार वाली हिन्दुस्तान मोटर की एम्बेसडर तथा प्रीमियर कम्पनी की फियट गाड़ियाँ इसके सामने नहीं टिक सकीं और कालान्तर में सबसे अधिक लोकप्रिय कार मारुति का बाजार का नेतृत्व भी डगमगाने लगा ।

फलस्वरूप, एक ओर मारुति ने भी नये मॉडल निकाले, प्रक्रिया प्रौद्योगिकी में सुधार किये और बाजार में अपनी पकड़ मजबूत की और दूसरी ओर अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अनेक कार कम्पनियाँ जैसे डैवू का अनेक कारणों से दिवाला निकल गया । परिणामस्वरूप डी. सी. एम. डैवू कम्पनी कठिनाई में आ गयी । इस उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि व्यावसायिक उपक्रम को प्रभावित करने वाला राजनीतिक, आर्थिक तथा प्रौद्योगिक पर्यावरण लगातार बदलता रहता है ।

(3) व्यवसाय पर पर्यावरण का व्यापक प्रभाव (Extensive Impact of Environment on Business):

व्यावसायिक पर्यावरण प्रायः सम्पूर्ण व्यवसाय को व्यापक रूप से प्रभावित करता है । जैसे – आर्थिक मन्दी, राजनीतिक अस्थिरता, सरकारी कानूनों तथा कराधान व आयात-निर्यात नीतियों में रोज नये परिवर्तन सभी व्यवसायों को कम – या अत्यधिक रूप से प्रभावित करते हैं – उनकी भविष्य की योजनाएँ अपनी धुरी से हिल जाती हैं तथापि इनका प्रभाव भिन्न-भिन्न व्यवसायों पर भिन्न-भिन्न होता है ।

विलासिता की वस्तुएँ निर्मित करने वाले उद्योग जैसे कार उद्योग लोचदार माँग के कारण मन्दी से अत्यधिक प्रभावित होते हैं तो निर्यात और विदेशी सहयोग पर आश्रित उद्योग जैसे निर्यात के लिए तैयार वस्त्र निर्मित करने वाले उद्योग विदेशों में होने वाले परिवर्तनों से अधिक प्रभावित होते हैं ।

(4) बहु-आयामी वातावरण (Multi-Dimensional Environment):

व्यावसायिक पर्यावरण अनेक तत्वों, शक्तियों तथा दशाओं से प्रभावित होता है; जैसे – इसे प्रभावित करने वाले अनेक तत्व हैं – राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, नियामक तथा प्रौद्योगिकी तत्व जिनमें स्वयं अनेक उपतत्व भी शामिल हैं । इन्हें प्रभावित करने वाली कुछ शक्तियाँ जैसे – सरकार, प्रतियोगिता, विदेशी पूँजी, प्रौद्योगिकी, बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ, तेल कार्टेल, आदि हैं ।

इसी प्रकार, इसको प्रभावित करने वाली कुछ दशाएँ भी हैं । उदाहरण के लिए विश्व बाजार में तेजी अथवा मंदी, विश्व पटल पर युद्ध व आतंक के बादल आदि । इन सबसे अधिक प्रभावित व्यवसायकर्त्ता का भविष्य में अपनी योजनाओं की सफलता में विश्वास होता है ।

(5) व्यवसायकर्त्ता के नियन्त्रण से बाहर (Out of Control of Businessman):

सामान्यतया व्यवसाय के पर्यावरण पर किसी भी एक व्यावसायिक उपक्रम का नियन्त्रण नहीं होता है ।

वे सब मिलकर भले ही इस पर कुछ प्रभाव डाल सकते हैं, उदाहरण के लिए – व्यवसाय संघों के द्वारा सरकार को आर्थिक नीतियों के बारे में सुझाव देना तथा उन्हें इन पर विचार-विमर्श करने के लिए मनवाना या विश्वव्यापी कार्टेल बनाकर जैसे तेल उत्पादक देशों का कार्टेल, तेल की कीमतों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावित करना परन्तु मूल रूप से इन पर एकाकी व्यवसायी का कोई नियन्त्रण स्थापित नहीं होता है ।

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