पार्षद सीमा नियम का महत्व
वास्तव में पार्षद सीमा नियम कम्पनी की नींव है। कंपनी के जीवनकाल में इसका बहुत महत्व है क्योंकि -
यह कम्पनी का अनिवार्य प्रलेख है। यह कंपनी के निर्माण का आधार होता है।
इसके बिना कंपनी की स्थापना नहीं की जा सकती।
यह कंपनी का कार्य क्षेत्र का निर्धारण करता है।
इसमें कंपनी के अधिकारो का वर्णन करता है।
इसके द्वारा जनता को कम्पनी के बारे में समस्त जानकारी दी जाती है और यह मान जाता है कि कंपनी के साथ व्यवहार करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सीमानियम लिखी गयी बातों की जानकारी है।
यह बाहरी व्यक्तियों के साथ के संबंधों का आधार होता है।
महत्वपूर्ण प्रलेख होने के कारण इसे सरलतापूर्वक परिवर्तित नहीं किया जा सकता है ।
वास्तव में पार्षद सीमा नियम कम्पनी की नींव है। कंपनी के जीवनकाल में इसका बहुत महत्व है क्योंकि -
यह कम्पनी का अनिवार्य प्रलेख है। यह कंपनी के निर्माण का आधार होता है।
इसके बिना कंपनी की स्थापना नहीं की जा सकती।
यह कंपनी का कार्य क्षेत्र का निर्धारण करता है।
इसमें कंपनी के अधिकारो का वर्णन करता है।
इसके द्वारा जनता को कम्पनी के बारे में समस्त जानकारी दी जाती है और यह मान जाता है कि कंपनी के साथ व्यवहार करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सीमानियम लिखी गयी बातों की जानकारी है।
यह बाहरी व्यक्तियों के साथ के संबंधों का आधार होता है।
महत्वपूर्ण प्रलेख होने के कारण इसे सरलतापूर्वक परिवर्तित नहीं किया जा सकता है ।
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